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संक्षिप्‍त परिचय

पूर्ववर्ती राज्‍य उत्‍तर प्रदेश संगीत के आदि प्रणेताओं से लेकर अनेक घरानेदार गायक, वादक और नर्तक कलाकारों का प्रारम्‍भ से साधना-स्‍थल रहा हैा संगीत की विभिन्‍न शैलियां यहीं पर अंकुरित और विकसित हुई प्रदेश की इस परम्‍परागत धरोहर को संरक्षित और विकसित करने में पं0 विष्‍णु नारायण भातखण्‍डे का योगदान अविस्‍मरणीय हैा उन्‍हीं के प्रयत्‍नों से अखिल भारतीय हिंदुस्‍तानी संगीत महाविदालय की जुलाई 1926 में स्‍थापना हुई कुछ दिनों के बाद संयुक्‍त प्रान्‍त के तत्‍कालीन गर्वनर सर विलियम मैरिस के नाम पर इसका नाम बदलकर मैरिस कालेज ऑफ हिन्‍दुस्‍तानी म्‍यूजिक कर दिया गया भातखण्‍डे जी की जन्‍म शताब्‍दी के अवसर पर उनकी पुण्‍य स्‍मृति को स्‍थायित्‍व प्रदान करने की दृष्टि से पुन: इसका नाम बदलकर ‘’भातखण्‍डे हिन्‍दुस्‍तानी संगीत महाविदालय’’ कर दिया गया आज इसी नाम से यह सुविख्‍यात है उत्‍तरांचल राज्‍य में इसकी तीन संस्‍थाएं क्रमश: अल्‍मोडा, देहरादून व पौडी में संचालित है इसकी स्‍थापना के पीछे निम्‍न प्रेरक उद्देश्‍य थे

  1. शास्‍त्रीय संगीत की विलुप्‍त हो रही विधाओं के संरक्षण, संवर्धन एवं पुनर्स्‍थापन के उद्देश्‍य से जन-सामान्‍य में इसके प्रति अभिरूचि उत्‍पन्‍न करना
  2. गायन, वादन व नर्तन की शिक्षण पद्धति का मानकीकरण कर शिक्षण की वैज्ञानिक पद्धतियों को प्रोत्‍साहित करना
  3. शास्‍त्रीय संगीत की विविध विधाओं में विदृर्थियों को प्रशिक्ष्‍िात करने के लिए योग्‍य एवं प्रतिष्ठित गुरू के संरक्षण में विधिवत् शिक्षा का अवसर प्रदान करना
  4. उत्‍कृष्‍ट कलाकार संगीतशास्‍त्री एवं योग्‍य संगीत शिक्षक तैयार करना
  5. भारत में विभिन्‍न प्रदेशों के लोकनृत्‍यों की विविध विधाओं में विदार्थियों को प्रशिक्ष्‍िात करना
सत्र

प्रथम सत्र : 18 फरवरी से 31 मई तक

दितीय सत्र : 21 जून से 29 दिसम्‍बर तक

पाठयक्रम

अल्‍मोडा, देहरादून व पौडी महाविदयालयों में गायन, सितार, तबला, कथक, नृत्‍य, लोक नृत्‍य, भरतनाटयम के पाठयक्रमों में विशारद स्‍तर तक की शिक्षा प्रदान की जाती है

प्रवेश हेतु निर्धारित आयु सीमा
क्रमांक विषय पाठयक्रम का स्‍तर पात्रता
1. शास्‍त्रीय गायन, सितार, तबला, कथक, लोकनृत्‍य, भरतनाटयम प्रवेशिका विषय में रूचि
2. .................... तदैव ................ प्रथम वर्ष प्रवेशिका कक्षा उत्‍तरीर्ण अथवा संबंधित विषय में अपेक्षित ज्ञान
3. .................... तदैव ................ प्रथमा (दितीय वर्ष) प्रथम वर्ष उत्‍तीर्ण अथवा संबंधित विषय में अपेक्षित ज्ञान
4. .................... तदैव ................ मध्‍यमा (तृतीय वर्ष) दितीय वर्ष उत्‍तीर्ण अथवा संबंधित विषय के साथ इण्‍टर मीडिएट परीक्षा उत्‍तीर्ण
5. .................... तदैव ................ विशारद पार्ट-1 (चतुर्थ वर्ष) मध्‍यमा/संगीत प्रभाकर उत्‍तीर्ण अथवा संबंधित विषय के साथ स्‍नातक की उपाधि
6. .................... तदैव ................ विशारद पार्ट-2 (पंचम वर्ष) विशारद प्रथम वर्ष/संगीत प्रभाकर उत्‍तीर्ण अथवा संबंधित विषय के साथ स्‍नातक की उपाधि
परीक्षा

सत्र के अन्‍त में दिसम्‍बर मास में वार्षिक परीक्षाएं होती है, जिनकी तिथि यथासमय घोषित की जाती है विदयार्थियों को वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए उनकी कक्षा प्रगति अच्‍छी तथा उपस्थिति नियमित होना अनिवार्य है

शुल्‍क विमुक्ति

महाविदयालय के योग्‍य किन्‍तु निर्धन छात्रों को 10 प्रतिशत पूर्ण शुल्‍क विमुक्ति एवं 15 प्रतिशत अर्द्धशुल्‍क विमुक्ति की सुविधा निर्धाथ्‍रत नियमों के अधीन प्रदान की जाती है यदि हो या दो से अधिक भाई-बहन महाविदयालय में पढ रहे हैं, तो उनमें से एक को अर्द्धशुल्‍क विमुक्ति की पात्रता प्राप्‍त है महाविदयालय स्‍टाफ के बच्‍चों के लिए वार्ड कन्‍शेसन की सुविधा प्रदान की जाती है

  • पता :
    भातखण्डे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय,
    एम0 डी0 डी0 ए0 कालोनी,
    चन्दलर रोड, देहरादून

    सम्पर्क सूत्र : 0135-2651435

  • पता :
    भातखण्डे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय,
    जाखन देवी, अल्मोडा

    सम्पर्क सूत्र : 05962-230502

  • पता :
    भातखण्डे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय,
    संस्कृति भवन, पौडी

    सम्पर्क सूत्र : 01368-221806

section 2

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